06/07/2014

'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर - Beautiful Life Poem in Hindi

तजुर्बे ने एक बात सिखाई है..
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर.

 मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूँ मैं.
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं.



कदमो को बाँध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूँ मैं.
 

सब्र का बाँध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूँ मैं.
 

दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूँ मैं.
 

" साथ चलता है, दुआओ का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूँ मैं....

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