---- हरिवंशराय बच्चन ....
कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है,
तो भरकर बाहर आती है...
कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है,
तो भरकर बाहर आती है...
जीवन का भी यही गणित है,
जो झुकता है वह
प्राप्त करता है...
जीवन में किसी का भला करोगे,
तो लाभ होगा...
क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।
और
जीवन में किसी पर दया करोगे, तो वो याद करेगा...
क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है।
किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया ..
..बोझ शरीर का नही साँसों का था..
सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!
दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...
पहले मैं होशियार था,
इसलिए दुनिया बदलने चला था,
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है.
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना.
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले !!
जो झुकता है वह
प्राप्त करता है...
जीवन में किसी का भला करोगे,
तो लाभ होगा...
क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।
और
जीवन में किसी पर दया करोगे, तो वो याद करेगा...
क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है।
किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया ..
..बोझ शरीर का नही साँसों का था..
सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!
दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...
पहले मैं होशियार था,
इसलिए दुनिया बदलने चला था,
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है.
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना.
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले !!
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