06/07/2014

एक पागलखाने के सामने - Funny Interesting Short Story

एक बार की बात है, एक पागलखाने के सामने किसी व्यक्ति की कार पंचर हो गयी।
कार को रुकते देखकर पागलखाने की दिवार से झांकते हुए एक पागल ने पूछा:
'ओ भाई साहब, क्या हुआ?'
उस व्यक्ति ने जवाब दिया: 'कुछ नही'।
उस व्यक्ति ने कार से उतर कर पहिया बदलने के लिये पंचर वाले पहिये के चारो बोल्ट निकाले ही थे
कि भैंसो का झुंड आ गया।
वह व्यक्ति उठ कर एक तरफ खडा हो गया।
जब भैंसे चली गयी वह व्यक्ति वापिस टायर लगाने के लिये आ गया।
परंतु उसने देखा, चारो नट-बोल्ट गायब थे। वह परेशानी से इधर-उधर ढूढने लगा।

वह पागल तब तक वही खडा था। उसने फिर पूछा: 'भाई साहब क्या हुआ'?
व्यक्ति ने फिर वही जवाब दिया: 'कुछ नही'।
फिर वह व्यक्ति बोल्ट ढूढने लगा।
थोडी देर बाद पागल ने फिर पूछा:
'अरे ,बताइये ना, क्या हुआ, मैं आपकी कुछ मदद करूँ क्या'?
उस व्यक्ति ने सोचा, ये पागल ऐसे ही दिमागखायेगा,
वह गुस्से से बोला - 'तुम जाओ भाई,
मेरी कार के चारो बोल्ट गुम हो गये है, परेशान मत करो'।
पागल बोला: 'अरे, दिमाग नही है क्या?
पागलो की तरह परेशान क्यो हो रहे हो, बाकी के तीन पहियो से एक-एक बोल्ट
निकाल कर इस पहिये मे भी तीन बोल्ट लगा लो।
आगे जाकर दुकान से चार बोल्ट खरीद कर चारो मे एक-एक लगा देना।
उस व्यक्ति ने उस पागल से कहा:
अरे वाह क्या आईडिया दिया है!
पर तुम्हें पागल खाने में क्यों रखा है, तुम तो काफी अक्लमंद लगते हो
तब पागल बोला: भाई साहब में पागल हूँ
*Bewakoof* नही

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