05/07/2014

मेरी सुई गम हो गयी है - Motivational Stories on Success in Hindi

एक बार किसी गाँव में एक बुढ़िया रात के अँधेरे में अपनी झोपडी के बहार कुछ खोज रही थी .
तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी,
व्यक्ति ने पूछा.  “अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे क्या ढूंढ रही हो ?” ,


बुढ़िया ने उत्तर दिया-  ” कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ.”,

फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला की मदद करने के लिए रुक गया और साथ में सुई खोजने लगा. कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.

सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?”

बुढ़िया ने ज़वाब दिया . ” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”,

ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा,

 ” कमाल करती हो अम्मा, हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी, 
आखिर सुई वहां खोजने की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?”

” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”, बुढ़िया बोली.

मित्रों,

शायद ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है, हमारी सुई कहाँ गिरी है. हमें चाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़ चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .

No comments:

Post a Comment

अपनी प्रतिक्रिया दें ...